साहिबाबाद में सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव पूरनमल प्रजापति के बेटे सचिन की सरेशाम पुलिस के सामने गोली मार कर हत्या करने का मामला राजनीतिक तूल पकड़ गया है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में पांच सदस्यीय जांच दल बना दिया है। दल से दो दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। इस रिपोर्ट को देखने के बाद अखिलेश यादव कभी भी अलीगढ़ आ सकते हैं। सपाइयों ने उनको पूरे प्रकरण से अवगत कराया है। जांच दल में राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सपा के पूर्व विधायक जफर आलम, निवर्तमान जिलाध्यक्ष अशोक यादव, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विनोद सविता, पूर्व एमएलसी दयाराम प्रजापति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सचिव रमेश प्रजापति को शामिल किया है।
ये जांच दल अपनी रिपोर्ट भेजेगा कि आखिर किन कारणों से सचिन की हत्या हुई..? कौन जिम्मेदार हैं..? पुलिस प्रशासन कीभूमिका निष्पक्ष है या सत्ता पक्ष से प्रभावित है..? आरोपियों की गिरफ्तारी हुई या नहीं..?
गौर हो कि इस प्रकरण में पुलिस ने मुख्य आरोपी सचिन पाली के भाई और दो अन्य आरोपियों को हिरासत में रखा है। शाम को सपाइयों का प्रतिनिधि मंडल उक्त जांच दल के सदस्यों के साथ डीआईजी/ एसएसपी आकाश कुलहरि से मिला और अपना पक्ष रखा। उन्होंने आश्वस्त कराया कि मामले में बहुत जल्द मुख्य आरोपी को पकड़ कर उसे जेल भेजा जाएगा। अशांति फैलाने पर रासुका की कार्रवाई भी होगी। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से निष्पक्षता से कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम करेगा। जांच दल ने एसएसपी से मिलने के बाद प्रदेश नेतृत्व को इस मुलाकात में हुई बातों से अवगत करा दिया है। बृहस्पतिवार तक जांच रिपोर्ट लखनऊ भेजी जाएगी।
अखिलेश को बुलाकर पिछड़ों की राजनीति गरमा सकती है सपा
पला साहिबाबाद प्रकरण में मारा गया सचिन सपा के पिछड़ा वर्ग के नेता का पुत्र है। इसलिए सपा में पिछडों की राजनीति गरमा गई है। सपाइयों का एक धड़ा इस मामले में अखिलेश यादव को बुलाने पर भी पूरा जोर लगा रहा है। जिससे पिछड़ों के बीच पार्टी पुरानी धाक जमा सके। सपाई इस मामले को पूरे प्रदेश में चर्चा में लाना चाहते हैं ताकि विधानसभा चुनाव 2022 तक पार्टी का जनाधार मजबूत किया जा सके। जांच रिपोर्ट पढ़ने के बाद सपा अध्यक्ष इस बाबत फैसला कर सकते हैं। स्थानीय सपा नेताओं ने अखिलेश को इस पहलू से भी अवगत कराया है। जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष इस पर आगे की रणनीति बनाएंगे। सपाइयों ने इस मामले को यूपी सरकार के मौजूदा बजट सत्र में भी उठाने की बात कही है।
ये सरेआम अराजकता का दर्दनाक उदाहरण है। जिसमें एक युवा की जान चली गई और पुलिस तमाशा देखती रही। आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। - राकेश सिंह पूर्व विधायक सपा।
भाजपा पिछड़ों के वोटरों से ही सत्ता में है। अब उन्हीं को गोली मारी जा रही है। इसका पूरा जवाब आने वाले विधानसभा चुनाव में मिल जाएगा। लोगों अंतर्मन से बहुत दुखी है। - राजेश सैनी, सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ।